
जनकल्याणअर्थ समर्पित परिवार का संक्षिप्त जीवन परिचय मानव सेवा जीव जन्तु सेवा समाज सेवा परम धर्म
- गुरु कृपा से 14 वर्ष की आयु में महाकाली की साधना और तपस्या शुरू कर दिया और सिद्धि प्राप्त की।
- 1999, 14 वर्ष तक अन्न खाद्य पदार्थों का त्याग कर केवल फल और दूध ग्रहण किया।
- 2000, घुइसरनाथ नाथ धाम और रोहिणी राम धाम पूरे फत्ते में तपस्या किया।
- 2004, बेंगलुरु में सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु शिव गंगा एसोसिएट और शिव गंगा धाम आश्रम का निर्माण कराया।
- 2006, महंत विद्या दास बाबा के सानिध्य में नवकुंडआत्मक रामचरितमानस का महा यज्ञ का आयोजन कराया।
- 2007, बेंगलुरु में विष्णु महायज्ञ का भव्य आयोजन कराया।
- 2008, हनुमान जन्मभूमि अंजनी पर्वत किष्किंधा में धर्म क्षेत्र का विकास कार्य संपन्न कराया।
- 2009, श्री रामानंद वेद पाठशाला का निर्माण हनुमान जन्मभूमि किष्किंधा में कराया।
- 2012, किष्किंधा नगरी रूरल डेवलपमेंट ट्रस्ट के माध्यम से किष्किंधा क्षेत्र का विकास कार्य संपन्न कराया।
- 2013 आदत के कई तीर्थक्षेत्रे जैसे प्रयागराज उज्जैन नाशिक किष्किंधा में आदिवासी क्षेत्र में सनातन धर्म और रामायण का प्रचार प्रसार किया।
- 2014, सांस्कृतिक अधिवेशन का आयोजन किष्किंधा धर्म क्षेत्र में संपन्न कराया।
- 2020, कोरोना काल में पशु पक्षियों के लिए भोजन पानी आदि की व्यवस्था करवाया करर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश कराया।
- 2021, में कोरोनावायरस प्रभावित क्षेत्र में भोजन सैनिटाइजर मास्क और अन्य जरूरी सहायता के लिए कार्य करते रहें।
- 2021, से जोनल रेलवे यूजर कंसलटेटिव कमिटी के लिए कर्नाटक में चयनित किए गए।
- 2022, श्री हनुमान सेना ट्रस्ट का निर्माण कार्य किया और देशभर के हिंदू समाज सनातन संस्कृति हेतु कार्य प्रारंभ किया।
- 2000 से 2022, अब तक उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में तालाब कुंआ आदि का जीर्णोधार करवाया। कर्नाटक में कई गरीब परिवार को हैंड पाइप उपलब्ध करवाएं।
- 2000, 2022, से अब तक कई जरूरतमंद पढ़ने वाले बच्चों के फीस आदि के पूरी व्यवस्था करवाई।
पिताजी
आर्चाय श्री राम शंकर तिवारी
(संत शिव दास जी महाराज)
जो अपने जीवन में गौ सेवा समाज सेवा मानव सेवा और जगत कल्याण के लिए निरंतर कार्य करे हैं।
बाबाजी
पंडित श्री गंगा प्रसाद तिवारी
प्रथम गुरुजी जो मां भगवती महाकाली मां शीतला माता फूलमती और हनुमान जी के बहुत बड़े साधक थे